थायरॉयड टेस्ट जरूरी क्यों है? ये 5 संकेत नहीं करें नजरअंदाज

महिमा बाजपेई
महिमा बाजपेई

थायरॉयड ग्रंथि शरीर की सबसे अहम एंडोक्राइन ग्रंथियों में से एक है। यह गले के निचले हिस्से में तितली के आकार की होती है और मेटाबॉलिज्म, हार्मोन नियंत्रण, ऊर्जा स्तर और मानसिक स्वास्थ्य को संतुलित करती है।

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थायरॉयड समस्याओं के प्रमुख कारण

  • ऑटोइम्यून रोग: हाशिमोटो थायरॉयडिटिस, ग्रेव्स डिजीज

  • आयोडीन की कमी: भोजन में पर्याप्त आयोडीन न होना

  • तनाव और अनियमित जीवनशैली

  • हार्मोन असंतुलन: प्रजनन आयु की महिलाओं में अधिक देखने को मिलता है

थायरॉयड गड़बड़ी के लक्षण

लक्षण विवरण
वजन में बदलाव अचानक बढ़ना या घटना
थकान और डिप्रेशन हर समय सुस्ती और मूड स्विंग
त्वचा और बाल बाल झड़ना, त्वचा का सूखापन
मासिक धर्म अनियमितता या भारी रक्तस्राव
गले में सूजन जिसे गॉइटर कहा जाता है
  1. नियमित जांच: TSH, T3, T4 टेस्ट

  2. दवाएं: डॉक्टर द्वारा निर्धारित लेवोथायरोक्सिन या अन्य दवाएं

  3. संतुलित आहार: आयोडीन, सेलेनियम, जिंक युक्त भोजन

  4. तनाव नियंत्रण: योग, ध्यान, पर्याप्त नींद

  5. फॉलोअप और निगरानी: सालाना जांच ज़रूरी है

थायरॉयड की समस्या आम है लेकिन खतरनाक नहीं, यदि समय रहते निदान और उपचार किया जाए। जागरूकता, समय पर टेस्ट और जीवनशैली में छोटे बदलाव आपके थायरॉयड को स्वस्थ बनाए रख सकते हैं।

अगर आपको थकान, वजन में बदलाव, या मानसिक अस्थिरता महसूस हो रही है, तो एक बार थायरॉयड की जांच ज़रूर कराएं। थायरॉयड गड़बड़ी न केवल आपकी शारीरिक बल्कि मानसिक सेहत पर भी गहरा असर डाल सकती है। जागरूकता फैलाकर ही हम इस खामोश बीमारी पर विजय पा सकते हैं। इस विश्व थायरॉयड दिवस पर स्वस्थ थायरॉयड, स्वस्थ जीवन का संकल्प लें।

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